Rekha Bhardwaj
Challa Chaap Chunariya
आधी रोटी जब खाऊं
जब डेढ़ करेला होऊं
सेज पे सोवण तब जाऊं
जब मन का छैला होय

मारी यार ने नजरिया
छल्ला छाप री चुनरिया
मारी यार ने नजरिया
छल्ला छाप री चुनरिया
सरके हाय सरकती जाये सरकती जाये
सरके हाय सरकती जाये सरकती जाये
छल्ला छाप री चुनरिया

तोहे बीच बाज़ार दिया जिया ई उधार
सैयां हो हो हो सैयां हो..
करे जिद बेकार थामे जमुना के पार
बैयाँ हो हो हो सैयां हो

हो आधी पौनी थोड़ी मैं
तेरे इश्क में हो गयी पूरी मैं
तू चिल्लम का धुआं धुआं
उसपे भांग धतूरी मैं

हाय हाय हाय हाय
किया हवाले मैंने जिया ये सलोना
मुझपे किया है क्या जादू टोना
कच्ची कैरी सी उमरिया
तेरे इत्र से गुजरिया
महकी जाये महकती जाये महकती जाये
महकी जाये महकती जाये महकती जाये

आधी रोटी जब खाऊं
जब डेढ़ करेला होऊं
सेज पे सोवण तब जाऊं
जब मन का छैला होय

मारी यार ने नजरिया
छल्ला छाप री चुनरिया
मारी यार ने नजरिया
छल्ला छाप री चुनरिया
सरके हाय सरकती जाये सरकती जाये
सरके हाय सरकती जाये सरकती जाये

छल्ला छाप री चुनरिया
सरके हाय सरकती जाये