गोकुल की राधा चली
ओ चली, ओ चली
गोकुल की राधा चली
ओ चली, चली, चली
गोकुल की राधा चली
करके श्रृंगार वे
जमुना के तट पे करे
कृष्णा इंतज़ार रे
घुंघटा उठा के मिला ले तू अखियाँ
कहने दे कहती हैं जो तेरी सखियाँ
अरे घुंघटा उठा के मिला ले तू अखियाँ
कहने दे कहती हैं जो तेरी सखियाँ
ये प्रीत है पुरानी
मैं राजा और तू रानी
आ तेरे मेरे जन्मों के वादे
ओ राधे, ओ राधे
ओ राधे, राधे, राधे
राधे राधे राधे
ओ राधे राधे राधे
तेरे बिना कृष्णा
तो लगे आधे-आधे
राधे राधे राधे...
पूरी भी है अधूरी भी है
हम दोनों की कहानी
पूरी भी है अधूरी भी है
हम दोनों की कहानी
ये प्रेम तो रहेगा अमर
कहता है जमुना का पानी
करते हैं चालाकी
ये करके ताका ताकी
हाँ नैन तेरे नैन सीधे साधे
ओ राधे, ओ राधे...