दिल आज ये सौ, दफ़ा कह रहा है
बारिश में संग भीगना है
जितनी भी मेरी, ये साँसें बची हैं
सब तेरे संग जीना है
एहसास से तेरे जुड़ने लगे
होश-ओ-हवास मेरे उड़ने लगे
ऐसे में चुप ना रहो
आकर मेरी बाहों में
जो कुछ भी है कह भी दो
आकर मेरी बाहों में
जो कुछ भी है कह भी दो
जो कुछ भी है कह भी दो
ये मौसम, ये बादल, ये बारिश की राहत
ऐसे हमेशा ही मिलती रहे
ये मौसम, ये बादल...
इक बार तू बेवजह मुस्कुरा दे
आदत फ़िज़ा की बदलती रहे
रेत पे तेरा नाम लिखते रहे
आसमां से बूंदे गिरती रहें
अकेले ना भीगा करो
आकर मेरी बाहों में...