Arko Pravo Mukherjee
Aaina
मैं रहूँ तेरे सामने बना ले मुझे आईना
के मेरे हर लफ़्ज़ का तू ही एक मायना
मैं रहूँ तेरे सामने बना ले मुझे आईना
के मेरे हर लफ़्ज़ का तू ही इक मायना
तू चाहे इल्ज़ाम दे, या फ़िर कर ले गिला
सहूँगा हर दर्द मैं, जो मुझे बस तू मिला
मैं रहूँ तेरे सामने बना ले मुझे आईना
के मेरे हर लफ़्ज़ का तू ही एक मायना
तू हैं जहाँ पे मेरी जुस्तजू
होके तुझसे ही तो रू-ब-रू मुझे मरहम मिला
और तभी तेरी आँखों से उतरी हँसी
मेरे होंठो पे आ के बसी, मुझे हमदम मिला
मेरे हाथों की इन लकीरों में बस जा
मैं आया तुझे थामने-थामने
मैं रहूँ तेरे सामने बना ले मुझे आईना
के मेरे हर लफ़्ज़ का तू ही एक मायना
बस यूँ तेरी बाहों में बैठी रहूँ
राज़ दिल के तुझी से कहूँ
तो चले सिलसिला
जो कभी इक लम्हा लगे इक सदी
मैं दोबारा बनूँ अजनबी, मुझे ख़ुद से मिला