B. Praak
Teri mitti lyrics B Praak
तलवारों पे सर वार दिए
अंगारों में जिस्म जलाया है
तब जाके के कहीं हमने सर पे
यह केसरी रंग सजाया है
ऐ मेरी ज़मीन अफ़सोस नहीं
जो तेरे लिए सौ दर्द सहे
महफ़ूज़ रहे तेरी आन सदा
चाहे जान मेरी ये रहे ना रहे
ऐ मेरी ज़मीन महबूब मेरी
मेरी नस नस में तेरा इश्क़ बहे
फीका ना पड़े कभी रंग तेरा
जिस्मों से निकल के ख़ून कहे
तेरी मिट्टी में मिल जावाँ
गुल बनके मैं खिल जावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
तेरी नदियों में बह जावाँ
तेरे खेतों में लहरावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
वो ओ…
सरसों से भरे खलिहान मेरे
जहाँ झूम के भंगड़ा पा ना सका
आबाद रहे वो गाँव मेरा
जहाँ लौट के वापस जा ना सका
हो वतना वे, मेरे वतना वे
तेरा मेरा प्यार निराला था
कुर्बान हुआ तेरी अस्मत पे
मैं कितना नसीबों वाला था
तेरी मिट्टी में मिल जावाँ
गुल बनके मैं खिल जावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
तेरी नदियों में बह जावाँ
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