ये दिन क्या आए, लगे फूल हँसने
देखो, बसंती-बसंती होने लगे मेरे सपने
ये दिन क्या आए, लगे फूल हँसने
सोने जैसी हो रही है हर सुबह मेरी
लगे हर साँझ अब गुलाल से भरी
चलने लगी महकी हुई पवन मगन झूम के
आँचल तेरा झूम के
ये दिन क्या आए, लगे फूल हँसने
वहाँ मन बावरा आज उड़ चला
जहाँ पर है गगन सलोना साँवला
जाके वहीं रख दे कहीं मन रंगों में खोल के
सपने ये अनमोल से
ये दिन क्या आए, लगे फूल हँसने
देखो, बसंती-बसंती होने लगे मेरे सपने
ये दिन क्या आए, लगे फूल हँसने