Kishore Kumar
Tere Bina Zindagi Se
तेरे बिना ज़िंदगी से कोई शिकवा तो नहीं
शिकवा नहीं, शिकवा नहीं, शिकवा नहीं
तेरे बिना ज़िंदगी भी लेकिन ज़िंदगी तो नहीं
ज़िंदगी नहीं, ज़िंदगी नहीं, ज़िंदगी नहीं
तेरे बिना ज़िंदगी से शिकवा तो नहीं
काश ऐसा हो, तेरे क़दमों से चुन के मंज़िल चले
और कहीं, दूर कहीं
काश ऐसा हो, तेरे क़दमों से चुन के मंज़िल चले
और कहीं, दूर कहीं
तुम 'गर साथ हो, मंज़िलों की कमी तो नहीं
तेरे बिना ज़िंदगी से कोई शिकवा तो नहीं
शिकवा नहीं, शिकवा नहीं, शिकवा नहीं
जी में आता है, तेरे दामन में सर छुपा के हम
रोते रहें, रोते रहें
जी में आता है, तेरे दामन में सर छुपा के हम
रोते रहें, रोते रहें
तेरी भी आँखों में आँसुओं की नमी तो नहीं
तेरे बिना ज़िंदगी से कोई शिकवा तो नहीं
शिकवा नहीं, शिकवा नहीं, शिकवा नहीं
तेरे बिना ज़िंदगी भी लेकिन ज़िंदगी तो नहीं
ज़िंदगी नहीं, ज़िंदगी नहीं, ज़िंदगी नहीं
तुम जो कह दो तो आज की रात चाँद डूबेगा नहीं
रात को, रोक लो
तुम जो कह दो तो आज की रात चाँद डूबेगा नहीं
रात को, रोक लो
राज़ की बात है और ज़िंदगी बाक़ी तो नहीं
तेरे बिना ज़िंदगी से कोई शिकवा तो नहीं
शिकवा नहीं, शिकवा नहीं, शिकवा नहीं
तेरे बिना ज़िंदगी भी लेकिन ज़िंदगी तो नहीं
ज़िंदगी नहीं, ज़िंदगी नहीं, ज़िंदगी नहीं
तेरे बिना ज़िंदगी से शिकवा तो नहीं