Mohammed Rafi
Tum Jo Mil Gaye Ho (From ”Hanste Zakhm”)
[Intro]
तुम जो मिल गए हो तो ये लगता है
कि जहाँ मिल गया, कि जहाँ मिल गया
एक भटके हुए राही को कारवाँ मिल गया
तुम जो मिल गए हो तो ये लगता है
कि जहाँ मिल गया, कि जहाँ मिल गया

[Verse 1]
बैठो ना दूर हमसे, देखो ख़फ़ा ना हो
बैठो ना दूर हमसे, देखो ख़फ़ा ना हो
क़िस्मत से मिल गए हो, मिलके जुदा ना हो
क़िस्मत से मिल गए हो, मिलके जुदा ना हो

[Chorus]
मेरी क्या ख़ता है, होता है ये भी
कि ज़मीं से भी कभी आसमाँ मिल गया
कि जहाँ मिल गया

[Verse 2]
तुम क्या जानो, तुम क्या हो, एक सुरीला नग़्मा हो
भीगी रातों में मस्ती, तपते दिन में साया हो
तुम क्या जानो, तुम क्या हो...

[Chorus]
अब जो आ गए हो, जाने ना दूँगा
कि मुझे एक हसीं मेहरबाँ मिल गया
कि जहाँ मिल गया
[Chorus]
तुम जो मिल गए हो तो ये लगता है
कि जहाँ मिल गया, कि जहाँ मिल गया

[Verse 3]
तुम भी थे खोए-खोए, मैं भी बुझा-बुझा
तुम भी थे खोए-खोए, मैं भी बुझा-बुझा
था अजनबी ज़माना, अपना कोई ना था
था अजनबी ज़माना, अपना कोई ना था

[Chorus]
दिल को जो मिल गया है तेरा सहारा
इक नई ज़िंदगी का निशाँ मिल गया
तुम जो मिल गए हो तो ये लगता है
कि जहाँ मिल गया

[Outro]
एक भटके हुए राही को कारवाँ मिल गया
तुम जो मिल गए हो तो ये लगता है
कि जहाँ मिल गया, कि जहाँ मिल गया