Nikhil D’Souza
Sitaare
सुनते हैं, होता है
होना हो, तब वो होगा
जो भी चाहो, होना जो होगा वही

कहते हैं, मिलते हैं
मिलना जिनका है लिखा
कोई मिले, कोई मिल पाता नहीं

हम और तुम हैं यूँ मिले
मिले क्योंकि हम तो हैं
हैं सितारों की रूह

जानो तो मानोगे
माना है मैंने भी अभी
ख्वाब नहीं
मुझको है हम पे यकीन

गर्दिश के लम्हों में
खोएं तो, मिलना है यहीं
साज़िशे हैं ये तारों की ही

हम और तुम हैं यूँ मिले
मिले क्योंकि हम तो हैं
हैं सितारों की रूह
हम हैं, हैं सितारों की रूह
कायनातें हमसे ही हैं बने
एक थें हम, जिस्म दो हो गएँ
जिस्म दो हो गएँ

वो हू ओह हो...

कायनातें हमसे ही हैं बने
एक थे हम, जिस्म दो हो गएँ

कायनातें हमसे ही हैं बने
एक थें हम, जिस्म दो हो गएँ

हम और तुम हैं यूँ मिले
मिले क्योंकि हम तो हैं
हैं सितारों की रूह

हम और तुम हैं यूँ मिले
मिले क्योंकि हम तो हैं
हैं सितारों की रूह