Farhan Akhtar
लैला मैं लैला (Laila Main Laila)
लैला मैं लैला ऐसी हूँ लैला
हर कोई चाहे मुझसे मिलना अकेला
जिसको भी देखूं दुनियां भुला दू
मजनू बना दू ऐसी मैं लैला

हो... ये कैसे हैं लम्हे
जो इतने हसीं हैं
मेरी आँखे मुझसे
ये क्या कह रही है

तुम आ गये हो (लैला)
यकीं कैसे आये (लैला)
ये दिल कह रहा है (लैला)
तुम्हे छू के देखू

लैला मैं लैला ऐसी हूँ लैला
हर कोई चाहे मुझसे मिलना अकेला
लैला है लैला ऐसी तू लैला
हर कोई चाहे तुझसे मिलना अकेला

ओ लैला... लैला... लैला...

मोहब्बत का डसता तुम्हे नाग है क्या
तुम्हारे भी दिल में लगी आग है क्या

मेरे लिये क्या (लैला)
तड़पते हो तुम भी (लैला)
मैं बेताब जैसे (लैला)
तुम्हारे लिये हूँ
लैला मैं लैला, ऐसी हूँ लैला
हर कोई चाहे मुझसे अकेला

लैला है लैला, ऐसी तू लैला
हर कोई चाहे तुझसे मिलना अकेला (x2)