Farhan Akhtar
Naino Ne Baandhi
दिल से सुन पिया ये दिल की दास्ताँ
जो लफ़्ज़ों में नहीं हो बयाँ
दिल से सुन पिया ये दिल की दास्ताँ
जो लफ़्ज़ों में नहीं हो बयाँ
अब जैसा भी रास्ता
टूटेगा ना वास्ता
ना रहेगा फासला दरमियाँ
नैनो ने बाँधी कैसी डोर रे
नैनो ने बाँधी कैसी डोर रे
हो. मुंसिफ ही मेरा, मेरा चोर
दिल पे चले ना कोई जोर रे
हाँ. दिल पे चले ना कोई जोर रे
ओ. खिंचा चला जाये तेरी ओरे रे
ओ आजा तेरा दर्श दिखा दे माहि
मुझे मेरा अक्स दिखा दे माहि
तुझसे जुड़ी हैं सब कहानियाँ
ओ आजा तेरा दर्श दिखा दे माहि
मुझे मेरा अक्स दिखा दे माहि
तुझसे जुड़ी हैं सब कहानियाँ
चाहे सौ गर्दिशें हो
पर कोई बैर नहीं
हम दुनिया से लड़ लेंगे
पर तेरे बगैर नहीं
दिल से सुन पिया ये दिल की दास्ताँ
जो लफ़्ज़ों में नहीं हो बयाँ
हमसफ़र हमराज़ तू
जिस्म मैं और सांस तू
रेहना मेरे पास तू यूँ सदा
नैनो ने बाँधी कैसी डोर रे
हां नैनो ने बाँधी कैसी डोर रे
हो. मुंसिफ ही मेरा, मेरा चोर
दिल पे चले ना कोई जोर रे
हाँ. दिल पे चले ना कोई जोर रे
ओ. खिंचा चला जाये तेरी ओरे रे