जब तू नहीं था यहाँ
तो गम नहीं था
आदत तेरी नहीं थी
सब कुछ सही था
आया तो ज़िंदगी में
बनके सितम सा
हां इक सितम सा
एक तेरे प्यार ने
ऐसे दिए सितम
ना ही तो जी सके
ना ही मरे है हम
एक तेरे प्यार ने
ऐसे दिए सितम
ना ही तो जी सके
ना ही मरे है हम
एक तेरे प्यार में
जिस दिन पहली बार देखा तुझको
कोसु उस दिन को मै
क्यों लड़ते हो इनका जवाब दू किन किनको मै ?
आंखे चेहरे में धस गयी है कोई रौनक नहीं
कहते है सब साइको , मिलता हु जिन जिन को मै
छोटी छोटी बातो पे लड़ने का मन करे
जिस से भी मिलु मई झगड़ने ने का मन करे