Pritam
Janam Janam
जनम जनम जनम साथ चलना यूँही
कसम तुम्हें कसम आके मिलना यहीं
एक जाँ है भले दो बदन हो जुदा
मेरी होके हमेशा ही रेहना
कभी ना केहना अलविदा

मेरी सुबह हो तुम्ही और तुम्ही शाम हो
तुम दर्द हो तुम ही आराम हो
मेरी दुआओं से आती है बस ये सदा
मेरी होके हमेशा ही रेहना
कभी ना केहना अलविदा
हा हा हा... ओ...

मेरी होके हमेशा ही रेहना
कभी ना केहना अलविदा

तेरी बाहों में है मेरे दोनों जहां
तू रहे जिधर, मेरी जन्नत वहीँ
जल रही अगन, है जो ये दो तरफ़ा
न बुझे कभी, मेरी मन्नत यही
तू मेरी आरज़ू, मैं तेरी आशिकी
तू मेरी शायरी, मैं तेरी मौसीक़ी

तलब तलब तलब बस तेरी है मुझे
नशों में तू नशा बनके घुलना यूँही
मेरी मोहब्बत का करना तू हक़ ये अदा
मेरी होके हमेशा ही रेहना
कभी न केहना अलविदा

मेरी सुबह हो तुम्ही और तुम्ही शाम हो
तुम दर्द हो तुम ही आराम हो
मेरी दुआओं से आती है बस ये सदा
मेरी होके हमेशा ही रेहना
कभी ना केहना अलविदा
आ... अलविदा... ओ...