इश्क का, दिल हक़दार है
याद ये, दिलाता तुझे बार बार है
ना उसे, नज़रअंदाज़ कर
वो तेरे, खयालों में जो एक यार है
ख़यालों से तेरे निकल के अब वो
मिला है तुझे रूबरू
माहेरू, गले लगा ले उसको
माहेरू, आज़मा ले उसको
माहेरू, लिखा था मिलना उसका
माहेरू, आज़मा ले उसको
आज पा ले उसको
आज पा ले उसको
ऐतबार कर वो तेरा हो गया है
वो तेरा ही रहेगा उम्र भर
ये वही है जो तेरी ज़िन्दगी को
ले जायेगा ज़मीं से चाँद पर
मिटाने वो आया है दूरियों को
मिला है तुझसे रूबरू
माहेरू...