Jubin Nautiyal
Dil Beparwah
जग छूटे तो छूटे मुझे क्या, साँवरे
जब दिल ने लगाया तुझ ही पे दाँव रे
जग छूटे तो छूटे मुझे क्या, साँवरे
जब दिल ने लगाया तुझ ही पे दाँव रे

तुझ पे लुटा दूँ मैं तो सारी ज़िंदगी
बस वार के, वार के रे

दिल बेपरवाह रे, दिल बेपरवाह रे
दिल बेपरवाह रे, दिल बेपरवाह रे

जग छूटे तो छूटे मुझे क्या, साँवरे
जब दिल ने लगाया तुझ ही पे दाँव रे

नींदों से आगे जब ख़ाब भागे
समझो इशारा हो गया
हाँ, वो बिन बताए और बिन जताए
देखो हमारा हो गया

जीती है मैंने बस ये तेरी चाहतें
सब हार के, हार के रे

दिल ना शरमा रे, बन बेपरवाह रे
दिल ना शरमा रे, हाँ, बन बेपरवाह रे

इतना यकीं है, होती हसी है
ख़ुद से भी ज़्यादा बेख़ुदी
हो, जब पास आके, आँखों में झाँके
अपनी सी दूजी ज़िंदगी
सदक़े मैं जाऊँ क्यूँ ना ऐसे प्यार पे
अपने यार के, यार के रे

दिल बेपरवाह रे, दिल बेपरवाह रे
दिल बेपरवाह रे, दिल बेपरवाह रे