Jubin Nautiyal
Saath Hum Rahein
[Chorus]
जले जब सूरज, तब साथ हम रहे
ढले जब चंदा, तब साथ हम रहे
हँसी जब छलके, तब साथ हम रहे
हो भीगी पलकें, तब साथ हम रहे

[Verse 1]
ख़ुद की परछाइयाँ चाहे मुँह मोड़ ले
वास्ता तोड़ ले तब भी साथ हम रहे
है हमें क्या कमी, हम बिछा कर ज़मीं
आसमाँ ओढ़ ले यूँ ही साथ हम रहे

[Chorus]
जले जब सूरज, तब साथ हम रहे
ढले जब चंदा, तब साथ हम रहे
हँसी जब छलके, तब साथ हम रहे
हो भीगी पलकें, तब साथ हम रहे

[Verse 2]
ख़ुशरंग जिस तरह है ज़िंदगी अभी
इसका मिज़ाज ऐसा ही उम्र भर रहे, उम्र भर रहे
भूले से भी नज़र लग जाए ना कभी
मासूम ख़ुबसूरत इस क़दर रहे, इस क़दर रहे

[Chorus]
जो बादल छाएँ तब साथ हम रहे
बहारे आए तब साथ हम रहे
जले जब सूरज, तब साथ हम रहे
ढले जब चंदा, तब साथ हम रहे
[Verse 3]
दिन इत्मिनान के या इम्तिहान के
जो भी नसीब हो मिलके बाँटते रहे, बाँटते रहे
काँटों के बीच से थोड़ा सँभाल के
नाज़ुक सी पत्तियाँ मिलके छाँटते रहे, छाँटते रहे

[Chorus]
दिखे जब तारे, तब साथ हम रहे
बुझे जब सारे, तब साथ हम रहे
जले जब सूरज, तब साथ हम रहे
ढले जब चंदा, तब साथ हम रहे