Ram Sampath
Dil Aaj Kal
दिल आज कल मेरी सुनता नहीं
दिल आज कल पास रहता नहीं
दिल आज कल मेरी सुनता नहीं
दिल आज कल पास रहता नहीं

ये तुझ से ही मिलने को चाहे
ये तेरी ही करता है बातें
क्या तुम हो, क्या तुम हो वही?
क्या तुम हो, क्या तुम हो वही?

दिल आज कल मेरी सुनता नहीं
दिल आज कल...
दिल आज कल मेरी सुनता नहीं
दिल आज कल...

तेरी आँखों के रस्ते ये चले जाता है
जो बुलाऊँ मैं, कभी लौट आता नहीं

बेख़बर, ये ज़माने से टकराता है
बेधड़क मुझ से कहता है, "मैं हूँ यूँ ही"

ये तुझ से ही मिल के हुआ है
जो तेरी नज़र ने छुआ है
क्या तुम हो, क्या तुम हो वही?
क्या तुम हो, क्या तुम हो वही?
दिल आज कल मेरी सुनता नहीं
दिल आज कल...
दिल आज कल मेरी सुनता नहीं
दिल आज कल...

है हुनर एक नया इसको तुझ से मिला
मुस्कुरा के ये मिलता है सब से अभी

आधी रातों में मुझ को ये देता उठा
मुझ से पूछे, "ये रातें क्यूँ कटते नहीं?"

ये तुझ से ही मिलने को चाहे
ये तेरी ही करता है बातें
क्या तुम हो, क्या तुम हो वही?
क्या तुम हो, क्या तुम हो वही?

दिल आज कल मेरी सुनता नहीं
दिल आज कल...
दिल आज कल मेरी सुनता नहीं
दिल आज कल...