Ram Sampath
Laakh Duniya Kahe
लाख दुनिया कहे, तुम नहीं हो
तुम यहीं हो, तुम यहीं हो
लाख दुनिया कहे, तुम नहीं हो
तुम यहीं हो, तुम यहीं हो
Verse
मेरी हर सोच में, मेरी हर बात में
मेरे एहसास में, मेरे जज़्बात में
तुम ही तुम हो, तुम हर कहीं हो

हो, लाख दुनिया कहे, तुम नहीं हो
तुम यहीं हो, तुम यहीं हो
हो, लाख दुनिया कहे, तुम नहीं हो
तुम यहीं हो, तुम यहीं हो

तुमने छोड़ा है कब साथ मेरा
थामे हो आज भी हाथ मेरा
कोई मंज़िल, कोई रहगुज़र हो
आज भी तुम मेरे हमसफ़र हो
जाऊँ चाहे जहाँ, तुम वहीं हो

हो, लाख दुनिया कहे, तुम नहीं हो
तुम यहीं हो, तुम यहीं हो
हो, लाख दुनिया कहे, तुम नहीं हो
तुम यहीं हो, तुम यहीं हो

तुम यहीं हो, तुम यहीं हो
तुम यहीं हो, तुम यहीं हो
तुम यहीं हो, तुम यहीं हो
तुम यहीं हो, तुम यहीं हो
खुशबू बनके हवाओं में तुम हो
रंग बनके फ़िज़ाओं में तुम हो
कोई गाए, कोई साज़ गूँजे
सब सुरीली सदाओं में तुम हो

तुम को हर रूप में दिल है पहचानता
लोग हैं बेख़बर, पर है दिल जानता
तुम मेरे पास हो, दिलनशीं हो

हो, लाख दुनिया कहे, तुम नहीं हो
तुम यहीं हो, तुम यहीं हो
हो, लाख दुनिया कहे, तुम नहीं हो
तुम यहीं हो, तुम यहीं हो

तुम यहीं हो, तुम यहीं हो
तुम यहीं हो, तुम यहीं हो
तुम यहीं हो, तुम यहीं हो
तुम यहीं हो, तुम यहीं हो

तुम यहीं हो, तुम यहीं हो
तुम यहीं हो, तुम यहीं हो
तुम यहीं हो, तुम यहीं हो
तुम यहीं हो, तुम यहीं हो