Ram Sampath
Ambarsariya
गली में मारे फीरे
पास आने को मेरे
कभी फड़कता नैन मेरे तो
कभी फड़कता तोरे

अम्बरसरिया, मुंडयावे कचिया कलियाँ ना तोड़
तेरे माँ ने बोले हैं मुझे तीखे से बोल
अम्बरसरिया