Sachin-Jigar
Pinjra Tod Ke (From ”Simran”)
[Verse 1]
सितारों में सितारा जो है मेरे नाम का, चमका अभी
ज़मीं पे है ये रोशनी या है आसमाँ बिखरा अभी?
जन्नत के साए जन्नत ले आए हैं बाहों में, अब ज़िंदगी जी
क़िस्मत की डोरी जो बाँधी वो खोली, जीने चली मैं अब ज़िंदगी

[Chorus]
पिंजरा तोड़ के, तोड़ के उड़ जाना है
बाहें खोल के, खोल के उड़ जाना है
पिंजरा तोड़ के, तोड़ के उड़ जाना है
बाहें खोल के, खोल के उड़ जाना है

[Verse 2]
वो ही हूँ मैं या हूँ नई, अब कुछ फ़र्क सा है जीने में
उतर गया सुकून से ये जो कोई कर्ज़ था इस सीने में
जन्नत के साए जन्नत ले आए मेरे वास्ते, ये कर लूँ यकीं
अब इस पल को इतनी दरख़ास्त है कि पल में कहीं गुम होना नहीं

[Chorus]
पिंजरा तोड़ के, तोड़ के उड़ जाना है
बाहें खोल के, खोल के उड़ जाना है
पिंजरा तोड़ के, तोड़ के उड़ जाना है
बाहें खोल के, खोल के उड़ जाना है

[Verse 3]
हाँ, लहरें ख़्वाहिशों की दिल में मेरी बह चलीं
राहें वो पुरानी छोड़ के अब मैं चली
[Chorus]
पिंजरा तोड़ के, तोड़ के उड़ जाना है
बाहें खोल के, खोल के उड़ जाना है
पिंजरा तोड़ के, तोड़ के उड़ जाना है
बाहें खोल के, खोल के उड़ जाना है