Nikhita Gandhi
Ek Ladki Bheegi Bhagi Si
भीगी-भागी सी साड़ी सफ़ेद में
ऐसा लगे जैसे ऊपर से सीधे दिल में आई है
आज तो ऊपर वाले पे मानने को जी कर रहा है
एकलौती हो तुम, ना कोई दूसरी बनाई है
टिमटिमाती तारों वाली रात है ना?
उस पे धीमी-धीमी बरसात है ना?
दिल में आ रहा हसीन thought है ना?
Lonely से दिल का कोई साथ देना
लो आ गया तू सामने
इत्तफ़ाक़ बन हसीन सा
मिली एक अजनबी से, कोई आगे ना पीछे
तुम ही कहो, ये कोई बात है?
एक लड़की भीगी-भागी सी, सोती रातों में जागी सी
तन भीगा है, सर गीला है
उसका कोई पेच भी ढीला है
तन भीगा है, सर गीला है
उसका कोई पेच भी ढीला है
तनती-झुकती, चलती-रुकती
निकली अँधेरी रात में
मिली एक अजनबी से, कोई आगे ना पीछे
तुम ही कहो, ये कोई बात है?
एक लड़की भीगी-भागी सी, सोती रातों में जागी सी
डगमग-डगमग, लहकी-लहकी
भूली-भटकी, बहकी-बहकी
डगमग-डगमग, लहकी-लहकी
भूली-भटकी, बहकी-बहकी
मचला-मचला घर से निकला
पगली सी काली रात में
मिली एक अजनबी से, कोई आगे ना पीछे
तुम ही कहो, ये कोई बात है? बात है, बात है
एक लड़की भीगी-भागी सी, सोती रातों में जागी सी