कोल आजा मेरे माही
कि देखो ना दिन ये ढ़लने लगा
शाम भी चली आई
ना आई तू देखु मैं रहा तेरियाँ
कोल आजा मेरे माही
कि देखो ना दिन ये ढ़लने लगा
शाम भी चली आई
ना आई तू देखु मैं रहा तेरियाँ
नई लगदा वे दिल मेरा
ये नैना रात भर जगदे
मैं किसी दा वी नई होना
तू मैनु अपना कह दे
के बिन तेरे
नई जीना
नई जीना मेरे यार
मैं तेरे बिन नई जीना
नही जीना
नई जीना मेरे यार
मैं तेरे बिन नई जीना
ह्म...
आज कल कटदे ने पल मुश्किल से
कहना है बहुत पर लफ्ज़ नि मिलदे
आखों आखों में हाए
कैसे तुझे यह बताए
कोई तो होगा रास्ता
खाली खाली हत्थां विच किस्मत रख दे
मिट ना सके जो कभी ऐसा कुछ लिख दे
तू है जो संग मेरे
मिट जाने यह अँधेरे
तू चाँद मैं हूँ आसमान..
गुज़र गया दिन वो ढ़लके
जहाँ पे मैं और तुम हम थे
तू कर ले तेरा फ़ैसला
छड दे मेनु या चुन ले
के बिन तेरे
नई जीना
नई जीना मेरे यार
मैं तेरे बिन नई जीना..
नई जीना
नई जीना मेरे यार
मैं तेरे बिन नई जीना..
नई जाना...
मैं ते नही जीना
(आ..)
मैं ते नही जीना
(आ..)
नि मैं ते नही जीना
नई जीना.. नई जीना मेरे यार
मैं तेरे बिन...
नई जीना मैं ते नई जीना
नई जीना मैं ते नई जीना
मैं ते नई जीना, ओ...
मैं ते नई जीना...
आ..
मैं ते नई जीना...
नई जीना...
नई जीना...