Vishal & Shekhar
खुदाया (Khudaaya)
रहमत खुदा कर ज़रा एक दफा
दिल मेरे क्या कह रहा फलसाफ़ा
यह नाचीज़ एक चीज़ उसकी
मांगे है तुझसे
मुसाफिर यह दहलीज़ उसकी
मांगे है तुझसे
खुदाय तू बता
कहाँ उसका पता..अटाकार
मैं उसके बिना बेपनाह हूँ
बेपनाह बेपणाः बेपनाह हूँ
खुदाय तू बता
कहाँ उसका पता..अटाकार
मैं उसके बिना बेपनाह हूँ
बेपनाह बेपणाः बेपनाह हूँ
बेफिक्र बेफ़िक्र मनन
के धुंधल के मैं यूँ आये
लम्हों की इस भीड़ में
मुझको पल पल सताए
अलमस्त कम्भख्त नखरे दिखाए
वह इतराये
बस इक ख़याल उसका
है दिन की..फितरत बदल दे
दिल मेरे क्या कह ज़रा फलसफा
है चाहे उससे सहिदाटों से
यूं टूट करके
वह क्यों न मिला मुदतो से
यूँ रूठ करके
खुदाय तू बता
कहाँ उसका पता..अटाकार
मैं उसके बिना बेपनाह हूँ
बेपनाह बेपणाः बेपनाह हूँ
खुदाय तू बता
कहाँ उसका पता..अटाकार
मैं उसके बिना बेपनाह हूँ
बेपनाह बेपणाः बेपनाह हूँ