Jaspal Singh
Kaun Disha Mein Leke Chala
कौन दिशा में लेके चला रे बटुहिया?
कौन दिशा में लेके चला रे बटुहिया?
कौन दिशा में लेके चला रे बटुहिया?

ए ठहर - ठहर, ये सुहानी सी डगर
ज़रा देखन दे, देखन दे

मन भरमाये नैना बांधे ये डगरिया
मन भरमाये नैना बांधे ये डगरिया

कहीं गए जो ठहर, दिन जाएगा गुज़र
गाड़ी हाकन दे, हाकन दे
कौन दिशा में लेके चला रे बटुहिया?
कौन दिशा में?

पहली बार हम निकले हैं घर से
किसी अजाने संग हो
अजाने से पहचान बढ़ेगी तो
महक उठेगा तोरा अंग हो

महक से तू कहीं बहक ना जाना
महक से तू कहीं बहक ना जाना

ना कराना मोहे तंग हो
तंग करने का तोसे नाता है गुज़रिया
तंग करने का तोसे नाता है गुज़रिया
ए ठहर - ठहर, ये सुहानी सी डगर
ज़रा देखन दे, देखन दे
कौन दिशा में लेके चला रे बटुहिया?
कौन दिशा में?

कितनी दूर अभी, कितनी दूर है?
ऐ चन्दन तोरा गाँव हो
कितना अपना लगने लगे
जब कोई बुलाये नाम हो

नाम ना लेतो क्या कह के बुलाये?
नाम ना लेतो क्या कह के बुलाये

कैसे कराये काम हो!
साथी, मितवा या अनाड़ी कहो गोरिया
साथी, मितवा या अनाड़ी कहो गोरिया

कही गए जो ठहर, दिन जाएगा गुज़र
गाड़ी हाकन दे, हाकन दे
कौन दिशा में लेके चला रे बटुहिया?
कौन दिशा में?

ए गूंजा, उस दिन तोरी सखियाँ
करती थी क्या बात हो?
कहती थी तोरे साथ चलन को तो
आ गए हम तोरे साथ हो
साथ अधूरा तब तक जब तक
साथ अधूरा तब तक जब तक

पूरे ना हो फेरे साथ हो
अब ही तो हमारी है बाली रे उमरिया
अब ही तो हमारी रे बाली है उमरिया

ए ठहर - ठहर, ये सुहानी सी डगर
ज़रा देखन दे, देखन दए

मन भरमाये नैना बांधे ये डगरिया
मन भरमाये नैना बांधे ये डगरिया
कहीं गए जो ठहर, दिन जाएगा गुज़र
गाड़ी हाकन दे, देखन दे
मन भरमाये नैना बांधे ये डगरिया
मन भरमाये