Mohit Chauhan
Guncha
गुंचा कोई मेरे नाम कर दिया
गुंचा कोई मेरे नाम कर दिया
साक़ी ने फिर से मेरा जाम भर दिया
साक़ी ने फिर से मेरा जाम भर दिया
गुंचा कोई

तुम जैसा कोई नहीं इस जहान में
तुम जैसा कोई नहीं इस जहान में

सुबह को तेरी ज़ुल्फ़ ने शाम कर दिया
सुबह को तेरी ज़ुल्फ़ ने शाम कर दिया
साक़ी ने फिर से मेरा जाम भर दिया
गुंचा कोई

महफ़िल में बार-बार इधर देखा किये
महफ़िल में बार-बार इधर देखा किये

आँखों के जज़ीरों को मेरे नाम कर दिया
आँखों के जज़ीरों को मेरे नाम कर दिया
साक़ी ने फिर से मेरा जाम भर दिया
गुंचा कोई

होश बेख़बर से हुए उनके बग़ैर, हाए
होश बेख़बर से हुए उनके बग़ैर

वो जो हमसे कह ना सके, दिल ने कह दिया
वो जो हमसे कह न सके, दिल ने कह दिया
साक़ी ने फिर से मेरा जाम भर दिया
साक़ी ने फिर से मेरा जाम भर दिया
गुंचा कोई मेरे नाम कर दिया
साक़ी ने फिर से मेरा जाम भर दिया
गुंचा कोई मेरे नाम कर दिया