Mohit Chauhan
Abhi Kuch Dino Se
अभी कुछ दिनों से लग रहा है, बदले-बदले से हम हैं
हम बैठे-बैठे दिन में सपने देखते नींदें कम हैं
अभी कुछ दिनों से लग रहा है, बदले-बदले से हम हैं
हम बैठे-बैठे दिन में सपने देखते नींदें कम हैं

अभी कुछ दिनों से सुना है, दिल का रौब ही कुछ नया है
कोई राज़ कमबख्त है छुपाये, खुदा ही जाने कि क्या है
है दिल पे शक मेरा, इसे प्यार हो गया

अभी कुछ दिनों से मैं सोचता हूँ, कि दिल की थोड़ी सी सुन लूँ
यहाँ रहने आएगी, दिल सजा लूँ, मैं ख्वाब थोड़े से बुन लूँ
है दिल पे शक मेरा, इसे प्यार हो गया

तू बेखबर या सब खबर
इक दिन ज़रा मेरे मासूम दिल पे गौर कर
पर्दों में मैं, रख लूँ तुझे
के दिल तेरा आ ना जाए कहीं ये गैर पर
हम भोले हैं, शर्मीले हैं
हम हैं ज़रा सीधे मासूम इतनी खैर कर
जिस दिन कभी जिद पे अड़े
हम आएंगे आग का तेरा दरिया तैर कर

अभी कुछ दिनों से लगे मेरा दिल, धुत हो जैसे नशे में
क्यूँ लड़खड़ाए, ये बहके गाये, है तेरे हर रास्ते में
है दिल पे शक मेरा, इसे प्यार हो गया
बनके शहर चल रात भर
तू और मैं तो मुसाफिर भटकते हम फिरे
चल रास्ते जहाँ ले चले
सपनों के फिर तेरी आहों में थक के हम गिरे
कोई प्यार की तरकीब हो
नुस्खे कोई जो सिखाये तो हम भी सीख लें
ये प्यार है, रहता कहाँ
कोई हमसे कहे उससे जा के पूछ लें

मैं सम्भालूँ पाँव, फिसल न जाऊँ, नई-नई दोस्ती है
ज़रा देख-भाल, संभल के चलना, कह रही ज़िन्दगी है
है दिल पे शक मेरा, इसे प्यार हो गया

अभी कुछ दिनों से सुना है, दिल का रौब ही कुछ नया है
कोई राज़ कमबख्त है छुपाये, खुदा ही जाने कि क्या है
है दिल पे शक मेरा, इसे प्यार हो गया