Arijit Singh
Tu Chale
तू चले, संग चलें सभी गुल
अपना है ये ख़याल, अपना है ये ख़याल
तू चले, संग चलें सभी गुल
अपना है ये ख़याल, अपना है ये ख़याल

है ऐसा लगे, वहाँ रोज़ खिलें गुल
जहाँ तेरा आना-जाना
है ऐसा लगे, गुल ग़लती से बन गए
रब ने था तुझे बनाना

ये महका मौसम, हुस्न का आलम
है तेरी ही परछाई
अपना है ये ख़याल, अपना है ये ख़याल
तू चले, संग चलें सभी गुल
अपना है ये ख़याल, अपना है ये ख़याल

जाना तेरा ख़याल, जाना तेरा क्या हाल
तेरे जिया की ताल सुरमई
आँखों में है शबाब, जैसे खिले गुलाब
देखें ऐसे ही ख़ाब हम कई

तेरे आने से यार, ऐसा आया निखार
जैसे आई बहार हो नई
तेरे होंठों के जाम पी लूँ सुबह-शाम
तू तो मेरा ही नाम हो गई
मेरी दुनिया में तूने है रंग भरा
मेरे साथ ये दुनिया देख ज़रा
मेरी तू ही तो है प्यारी दुनिया
सारी दुनिया (मेरे हमक़दम)

तू चले, संग चलें सभी गुल
अपना है ये ख़याल, अपना है ये ख़याल

है ऐसा लगे, वहाँ रोज़ खिलें गुल
जहाँ तेरा आना-जाना
है ऐसा लगे, गुल ग़लती से बन गए
रब ने था तुझे बनाना

ये महका मौसम, हुस्न का आलम
है तेरी ही परछाई
अपना है ये ख़याल, अपना है ये ख़याल

दूर खिले रंग, कौन सा रंग तेरा है बतलाना
लो हाथ से छूटा दिल, रंग तेरे मैंने रंग है जाना
महक गई है ले खुशबू महका तेरा जो है ये आँचल
फूलों की तू है रानी, या फिर तू है कोई संदल

धीमी-धीमी बातें, सहज-सुगम मौसम
पिया मेरे, ऐसे मौसम अब आएँगे हर दम
तू जो मुझे हासिल, नैना करें झिलमिल
साथी, तेरे होने से हैं खुशियों के ये क़ाफ़िले
तू चले, संग चलें सभी गुल
अपना है ये ख़याल, अपना है ये ख़याल

है ऐसा लगे, गुल ग़लती से बन गए
रब ने था तुझे बनाना
है ऐसा लगे, वहाँ रोज़ खिलें गुल
जहाँ तेरा आना-जाना

ये महका मौसम, हुस्न का आलम
है तेरी ही परछाई
अपना है ये ख़याल, अपना है ये ख़याल
तू चले, संग चलें सभी गुल
अपना है ये ख़याल, अपना है ये ख़याल