Arijit Singh
Intezaar
[Verse 1]
फिर कहीं दिल ने मेहसूस किया था
एक दफ़ा फिर से ज़िंदा हुआ था
नज़र जो आया तू, तो जीना आया
नज़र से फिर क्यों तू घूम हो गया पल में ही

[Chorus]
हाँ तेरा इंतेज़ार है, कहाँ क़रार है
है तेरी आस ही दिल को, हाँ बेशुमार है
बयाँ करूँ कैसे तेरा इंतेज़ार है
तेरा इंतेज़ार है
तेरा इंतेज़ार है

[Verse 2]
ना मेरी कमी, ना मेरी ख़ता
मोहब्बत में दोनों ने पाई सज़ा
दिल में नहीं वफ़ाएँ थी कम
मगर वक़्त हमपे न था मेहरबान
किसी कहानी में तू होगा मेरा
हाँ उस कहानी में मिलना मुझे फिर कहीं

[Chorus]
हाँ तेरा इंतेज़ार है, कहाँ क़रार है
है तेरी आस ही दिल को, हाँ बेशुमार है
बयाँ करूँ कैसे तेरा इंतेज़ार है
तेरा इंतेज़ार है
तेरा इंतेज़ार है
[Outro]
तेरा इंतेज़ार है
तेरा इंतेज़ार है
तेरा इंतेज़ार है