Arijit Singh
Khamoshiyan
ख़ामोशियाँ आवाज़ हैं
तुम सुनने तो आओ कभी
छूकर तुम्हें खिल जाएँगी
घर इनको बुलाओ कभी

बेक़रार हैं बात करने को
कहने दो इनको ज़रा

ख़ामोशियाँ, तेरी-मेरी ख़ामोशियाँ
ख़ामोशियाँ, लिपटी हुईं ख़ामोशियाँ

क्या उस गली में कभी तेरा जाना हुआ
जहाँ से ज़माने को गुज़रे ज़माना हुआ?
मेरा समय तो वहीं पे है ठहरा हुआ
बताऊँ तुम्हें क्या मेरे साथ क्या-क्या हुआ

Mmm, ख़ामोशियाँ एक साज़ है
तुम धुन कोई लाओ ज़रा
ख़ामोशियाँ अल्फ़ाज़ हैं
कभी आ, गुनगुना ले ज़रा

बेक़रार हैं बात करने को
कहने दो इनको ज़रा

ख़ामोशियाँ, तेरी-मेरी ख़ामोशियाँ
ख़ामोशियाँ, लिपटी हुईं ख़ामोशियाँ
नदिया का पानी भी ख़ामोश बहता यहाँ
खिली चाँदनी में छिपी लाख ख़ामोशियाँ
बारिश की बूँदों की होती कहाँ है ज़ुबाँ
सुलगते दिलों में है ख़ामोश उठता धुआँ

ख़ामोशियाँ आकाश हैं
तुम उड़ने तो आओ ज़रा
ख़ामोशियाँ एहसास हैं
तुम्हें महसूस होती हैं क्या?

बेक़रार हैं बात करने को
कहने दो इनको ज़रा

ख़ामोशियाँ, तेरी-मेरी ख़ामोशियाँ
ख़ामोशियाँ, लिपटी हुईं ख़ामोशियाँ
ख़ामोशियाँ, तेरी-मेरी ख़ामोशियाँ
ख़ामोशियाँ, लिपटी हुई ख़ामोशियाँ