Arijit Singh
Rooh Jaga Doon
रूह जगा दूँ, तुझे सुबह दिखा दूँ
फिर तेरे घाव सहला के, आ, मैं सुला दूँ
आँसुओं को आँखों में जो तू छुपाएँ
तुझको आग़ोश में मैं लेके धुन सुना दूँ
ढूँढने पे भी अगर आऊँ ना मैं जो नज़र
तो तू भीग जाए
ग़म के सारे बादलों का रुका सा बाँध तेरा
टूट ही जाए
ज़ख़्मों पे मैं तेरे मरहम लगा दूँ
हुईं ये पलकें जो भारी तेरी, मैं भुला दूँ
रूह जगा दूँ, आ, फिर सुबह दिखा दूँ
बाँहों में भर के, आ, फिर वही धुन गुनगुना दूँ
मायूसी में जब तेरे दिल में हो अँधेरा
मैं आ जाऊँगा
ढूँढ के तेरे लिए चाँद इक सुनहरा
मैं ले आऊँगा
घबराओ ना, जाओ ना
जो बिखरने लगे तेरा जहाँ
रह जाऊँगा और सँवार दूँगा
तेरा आशियाँ
घबराओ ना, जाओ ना
अँधेरों में कहीं खो जाओ ना
अँधेरों से रोशनी की ओर
तुमको है ले जाना
घबराओ ना, जाओ ना, अँधेरों से
तुझको आग़ोश में मैं लेके
गुनगुना दूँ, धुन सुना दूँ
घबराओ ना, घबराओ ना
घबराओ ना, जाओ ना, जाओ ना
घबराओ ना, ओ, जाओ ना
घबराओ ना, जाओ ना, जाओ ना
घबराओ ना, जाओ ना
घबराओ ना, जाओ ना, जाओ ना