Anuv Jain
Anuv Jain - Riha (Hindi Version)
[Verse 1]
रेत पे
पैरों से तेरे निसां मेरे दिल पर
लोगो की लहरों सी हाए
बातों से मिटेंगे कब तक
हो जाना तू रिहा मेरे
हो जाना तू रिहा मेरे
न होना चाहूँ मैं
न हो सकूँ कभी
ओह-ओह
ओह-ओह

[Verse 2]
तस्वीरों में मुस्कुराहट थी
अब मेरे चेहरे पे है क्यूं नहीं, ये पूछते
इन ग़ैरों को है समझ नहीं कोई
तस्वीरों में तुम भी खड़ी थी
मिसरी सी ये यादें संभली पड़ी
तुम बिन में मेरे हो
तू है नूर सा नूर ही है अलग
तू ऐसे मेरा है जान
लए से आ जा मेरे
मेरी निन्दियों में तुम ऐसे ओ
बंद पलकों तले तुम हर एक पल मेरे पास हो

[Bridge]
तू है नहीं, तू है मगर
तू है नहीं, मैं कौन हूँ
तू है परिन्दों सा यूँ उड़ चला
बिन तेरे बता मैं कौन हूँ
[Verse 3]
नींदों में गुलुिस्तां है
तेरा मेरा ही है ये आसियाना
रातों में तारों से यूँ टूट कर मेरे
तू लौट आना
रह जाना तू यहाँ मेरे
रह जाना तू यहाँ मेरे
जब तक मिलूँ नहीं
तारों में मैं कहीं