Shreya Ghoshal
Kar Har Maidaan Fateh

[Intro: Sukhwinder Singh]
पिघला दे ज़ंजीरें, बना उनकी शमशीरें
कर हर मैदान फ़तेह, ओ, बंदेया, कर हर मैदान फ़तेह

[Instrumental-break]

[Verse 1: Sukhwinder Singh]
घायल परिंदा है तू, दिखला दे ज़िंदा है तू
बाक़ी है तुझमें हौसला
तेरे जुनूँ के आगे अंबर पनाहें माँगे
कर डाले तू जो फ़ैसला

[Pre-Chorus 1: Shreya Ghoshal]
रूठी तक़दीरें तो क्या?
टूटी शमशीरें तो क्या?
टूटी शमशीरों से ही, हो-हो

[Chorus: Shreya Ghoshal & Sukhwinder Singh]
कर हर मैदान फ़तेह, कर हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह, रे बंदेया, हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह, कर हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह, रे बंदेया, हर मैदान फ़तेह

[Instrumental-break]

[Verse 2: Shreya Ghoshal & Sukhwinder Singh]
इन गर्दिशों के बादलों पे चढ़ के
वक़्त का गिरेबाँ पकड़ के
पूछना है जीत का पता, जीत का पता
इन मुठ्ठियों में चाँद-तारे भर के
आसमाँ की हद से गुज़र के
हो जा तू भीड़ से जुदा
भीड़ से जुदा, भीड़ से जुदा

[Pre-Chorus 2: Sukhwinder Singh]
कहने को ज़र्रा है तू
लोहे का छर्रा है तू
टूटी शमशीरों से ही, हो-हो

[Chorus]
कर हर मैदान फ़तेह, कर हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह, कर हर मैदान फ़तेह
रे बंदेया, हर मैदान फ़तेह

[Chorus: Shreya Ghoshal & Sukhwinder Singh]
कर हर मैदान फ़तेह, कर हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह, ओ, बंदेया, हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह, कर हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह, रे बंदेया, हर मैदान फ़तेह

[Instrumental-break]

[Verse 3: Sukhwinder Singh]
तेरी कोशिशें ही कामयाब होंगी
जब तेरी ये ज़िद आग होगी
फूँक देंगी ना-उम्मदियाँ, ना-उम्मदियाँ
तेरे पीछे-पीछे रास्ते ये चल के
पाँव के निशानों में ढल के
ढूँढ लेंगे अपना आशियाँ
अपना आशियाँ, अपना आशियाँ

[Pre-Chorus 3: Sukhwinder Singh]
लम्हों से आँख मिला के
रख दे जी जान लड़ा के
टूटी शमशीरों से ही, हो-हो

[Bridge: Sukhwinder Singh]
कर हर मैदान, हर मैदान
हर मैदान, हर मैदान

[Chorus: Sukhwinder Singh]
कर हर मैदान फ़तेह, कर हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह, ओ, बंदेया, हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह, कर हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह, ओ, बंदेया, हर मैदान फ़तेह

[Outro: Sukhwinder Singh]
कर हर मैदान फ़तेह, कर हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह, रे बंदेया, हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह, रे बंदेया, हर मैदान फ़तेह