धूप पानी पे बरस जाये
ये साये बनाये, मिटाये
मैं कहूँ और तू आ जाये
बेहलाए हर दूरी शरमाये
तू साथ है, हो दिन रात है
परछाईयाँ बतलाये
तू साथ है, दिन रात है
साया, साया माहि वे माहि वे
मेरी हर बात में साथ तू है
माही वे, माही वे
मेरे सारे हालात तू
माही वे... माही वे...
हाय सताये, मनाये, सताये
तू रुलाये, हँसाए भी तू ही
हमसाये, हर दूरी शरमाये
तू साथ है, हो दिन रात है
परछाईयाँ बतलाये
तू साथ है, हो दिन रात है
साया साया माही वे, माही वे
मेरी सब राज़, कल-आज तू है
माही वे, माही वे
मेरी हर उड़ान एक तू
माही वे... माही वे...
माही वे, माही वे
ये जीना भी, ना जीना भी
है दोनों का तुमसे ही वास्ता
हो मैं ही तो हूँ तेरा पता
है दूसरा ना कोई रास्ता
आये मुझ तक वो
तुमको जो हो ढूंढता
मेरे खामोशियों में है तू बोलता
ये जीना भी, ना जीना भी
जो भी हुआ है, वो तुमसे हुआ
माही वे...