Lucky Ali
Mehboob
एक दिन ऐसा हुआ जो की होना था
आया तेरे जहाँ में मैं
पर मुझे ना आना था
मर्ज़ी मेरी नहीं थी, ना ही मेरा था ख्याल
अपने होने पे खुद से, करता हूँ मैं सवाल
बहलाया पहले वे चाँद ने
सूरज ने भी फिर मुझे, ऐसे ही ललचाया
तारे भी चमक के सो गये
जल जल के कोई भी, ना ये दिल बहला सका
दिल ये मासूम हैं पर इतना भी नहीं
चाँद सूरज सितारों से भी रहना नहीं
रोशन हैं तुझसे यह सब पर, यह तू हैं नहीं
इन सब से मैं खेला, मगर मैंने मन ये सनम नहीं
तेरी ही वफ़ा में, हम आग से खेलें
सेहरा भी पाया हमने ये दरिया चीर के
एक तेरी ही खुशी ही में, हम कहाँ गुज़र गये
रे कौन सी डगर हैं और कितने फासले
तेरी जगह वहाँ ऐ हैं ना
जहाँ पे दिल को ख़वाल बहलाते हैं
निगाहों में तू ही तो है ना
पुकार सुन ले मेरी ऐ जाना
अनजाने सारे वहाँ, कब तक मैं सहूँ
जीने की खातिर दिल बदले तो मैं कुछ कहूँ
सुनने को राज़ी हो तो, मैं उनके साथ रहूँ
हर एक चमक के पीछे, ना ढौड़े तो मैं संग चलूँ
ये बदले हर पल चेहरा नया
आईयारी मे देखो कैसे झमता जहाँ
दरबदर भटकते यहाँ वहाँ
मंजिल हैं कहीं पे, और वे चल विया कहाँ
ओ ओ ओ ओ ओ ओ
वक्‍त नहीं पायेगा तू, फट जायेगी जमीन
कभी ना कभी वे समझेगा, तू मुझको हैं यकीन
सच्चाई से आँखे फिराना तेरी फितरत हैं
मैंने तो वही कहा जो, कहना मकसद हैं
दुनिया तो दुनिया हैं, दुनिया की कीमत नहीं
सूरत तेरी अच्छी है पर सीरत हैं नहीं
जीने को तो छुपाये भी जीते हैं मगर
इंसान हैं तू खुद अपनी ना, करता हैं कदर
जीना जीना जीना जीना आ
जीना जीना जीना जीना आ
जीना जीना जीना जीना आ
जीना जीना जीना जीना आ आ
जीना जीना जीना जीना आ आ
जीना जीना जीना जीना आ आ
जीना जीना जीना जीना आ आ
जीना जीना जीना जीना आ आ