Vi aí eu vi essa
(Vi aí eu vi essa)
(Vi aí eu vi essa)
(Vi aí eu vi essa)
कोई आ रहा, कोई जा रहा
कोई जा रहा, कोई आ रहा
सुनते ही रहते हैं हम तो ज़माने में
ऐसा, कोई वैसा कहीं जा रहा है
कल जो साथ थे, पल में वो नहीं हैं
मिलते ही रहते हैं हम तो हर मंज़िल में
बस्ती, नई हस्ती से जहाँ जा रहे हैं
कितने तन के, कैसे बन के
कैसा ये सफ़र, दिल बड़ा बेसबर
(Vi aí eu vi essa)
ये ना जाने, ये ना माने, ये है बेख़बर
कि मैं तो तनहाई में तनहा रह के प्यार समझा हूँ
दूर रह के पास रहना यार समझा हूँ
खोए हैं सब कहाँ, ये अकेला जहाँ
जितना है उतने में मैं तो खुश रहता हूँ
पाना और खोना जानता नहीं
पा के क्या करें? खो के सब मिले
गिर के सँभलता हूँ, फिर भी कुछ करता हूँ
देरी और दूरी मैं सोचता नहीं
देरी ही सही, दूरी तो नहीं
जैसा भी सफ़र, दिल बड़ा बेसबर
(Vi aí eu vi essa)
ये ना जाने, ये ना माने, ये है बेख़बर
कि मैं तो दोस्तों के साथ भी अनजान रहता हूँ
रास्तों में हर कहीं पहचान रखता हूँ
है यहाँ से वहाँ, ये किसी का जहाँ
सुन ले दिल की सदा, दिल की सदा
सुन ले दिल की सदा, दिल की सदा
सुन ले दिल की सदा, सुन ले दिल की सदा
सुन ले दिल की सदा, सुन ले...
कोई आ रहा, कोई जा रहा
कोई जा रहा, कोई आ रहा
अक्सर ये देखा है, यूँ कोई ठहरता है
जैसा रुका कोई हार के कहीं
हारे तो गिरे, जीते तो चले
बेहतर वो रस्ता है जिस पे दिल बसता है
ऐसे किनारे भी मिले हैं कहीं