Ayushmann Khurrana
Tu Hi Tu
आसमाँ तू मेरा या है मेरा ख़ुदा
देखता हूँ जहाँ, तू ही तू, तू ही तू
तेरी दुनिया से तो क्या, दीन से भी गया
एक कलमा मेरा, तू ही तू, तू ही तू
काँच की तितलियाँ थी ये नज़दीकियाँ
रूठ के रह गई
धूप में पत्तियाँ, मोम की बत्तियाँ
बनके जलता रहा, जल के बुझ गया
आसमाँ तू मेरा या है मेरा ख़ुदा
देखता हूँ जहाँ, तू ही तू, तू ही तू
तेरी दुनिया से तो क्या, दीन से भी गया
एक कलमा मेरा, तू ही तू, तू ही तू
ना ज़मीं का हुआ, ना फ़लक का रहा
एक साया सा तेरा
हारा-हारा हुआ, खारा-खारा हुआ
एक दरिया सा तेरा नैनों में रुका
आसमाँ तू मेरा या है मेरा ख़ुदा
देखता हूँ जहाँ, तू ही तू, तू ही तू
तेरी दुनिया से तो क्या, दीन से भी गया
एक कलमा मेरा, तू ही तू, तू ही तू
तू ही तू, तू ही तू
आसमाँ तू मेरा या है मेरा ख़ुदा
देखता हूँ जहाँ, तू ही तू, तू ही तू