[Verse 1: Arijit Singh]
बेरंगे थे दिन, बेरंगी शामें
आई हैं तुम से रंगीनियाँ
फीके थे लम्हे जीने में सारे
आई हैं तुम से नमकीनियाँ
बे-इरादा रास्तों की बन गए हो मंज़िलें
मुश्किलें हल हैं तुम्हीं से या तुम्हीं हो मुश्किलें?
[Chorus: Arijit Singh]
तुम क्या मिले, तुम क्या मिले
हम ना रहे हम, तुम क्या मिले
जैसे मेरे दिल में खिले
फागुन के मौसम, तुम क्या मिले
तुम क्या मिले, तुम क्या मिले
तुम क्या मिले, तुम क्या मिले
[Instrumental-break]
[Verse 2: Arijit Singh & Shreya Ghosal]
कोरे काग़ज़ों की ही तरह हैं इश्क़ बिना जवानियाँ
दर्ज हुई हैं शायरी में, जिनकी हैं प्रेम कहानियाँ
हम ज़माने की निगाहों में कभी गुमनाम थे
अपने चर्चे कर रही हैं अब शहर की महफ़िलें
[Chorus: Arijit Singh]
तुम क्या मिले, तुम क्या मिले
हम ना रहे हम, तुम क्या मिले
जैसे मेरे दिल में खिले
फागुन के मौसम, तुम क्या मिले
तुम क्या मिले, तुम क्या मिले
तुम क्या मिले, तुम क्या मिले
[Instrumental-break]
[Verse: Shreya Ghosal]
हम थे रोज़मर्रा के, एक तरह के कितने सवालों में उलझे
उनके जवाबों के जैसे मिले
झरने ठंडे पानी के हों रवानी में, ऊँचे पहाड़ों से बह के
ठहरे तालाबों से जैसे मिले
[Chorus: Shreya Ghosal & Arijit Singh & Shreya Ghosal]
तुम क्या मिले, तुम क्या मिले
हम ना रहे हम, तुम क्या मिले
जैसे मेरे दिल में खिले
फागुन के मौसम, तुम क्या मिले
तुम क्या मिले, तुम क्या मिले
हम ना रहे हम, तुम क्या मिले
तुम क्या मिले, तुम क्या मिले
तुम क्या मिले, तुम क्या मिले