Jagjit Singh
Ab Kya Ghazal Sunaoon
[Intro]
कैसे सुकून पाऊँ तुझे देखने के बाद
कैसे सुकून पाऊँ तुझे देखने के बाद
[Chorus]
अब क्या ग़ज़ल सुनाऊँ तुझे देखने के बाद?
कैसे सुकून पाऊँ तुझे देखने के बाद
[Verse 1]
आवाज़ दे रही है मेरी ज़िन्दगी मुझे
आवाज़ दे रही है मेरी ज़िन्दगी मुझे
जाऊँ मैं या ना जाऊँ तुझे देखने के बाद?
[Chorus]
अब क्या ग़ज़ल सुनाऊँ तुझे देखने के बाद?
कैसे सुकून पाऊँ तुझे देखने के बाद
[Verse 2]
काबे का एहतिराम भी मेरी नज़र में है
काबे का एहतिराम भी मेरी नज़र में है
सर किस तरफ़ झुकाऊँ तुझे देखने के बाद?
[Chorus]
अब क्या ग़ज़ल सुनाऊँ तुझे देखने के बाद?
कैसे सुकून पाऊँ तुझे देखने के बाद
[Verse 3]
तेरी निगाह-ए-मस्त ने मख़मूर कर दिया
तेरी निगाह-ए-मस्त ने मख़मूर कर दिया
क्या मय-कदे को जाऊँ तुझे देखने के बाद?
[Chorus]
अब क्या ग़ज़ल सुनाऊँ तुझे देखने के बाद?
कैसे सुकून पाऊँ तुझे देखने के बाद
[Verse 4]
नज़रों में ताब-ए-दीद ही बाक़ी नहीं रही
नज़रों में ताब-ए-दीद ही बाक़ी नहीं रही
किस से नज़र मिलाऊँ तुझे देखने के बाद?
[Chorus]
अब क्या ग़ज़ल सुनाऊँ तुझे देखने के बाद?
कैसे सुकून पाऊँ तुझे देखने के बाद