Jagjit Singh
Jis Mod Par Kiye The
जिस मोड़ पर किए थे, हमने क़रार बरसों
जिस मोड़ पर किए थे, हमने क़रार बरसों
उससे लिपट के रोए, उससे लिपट के रोए दीवानावार बरसों
जिस मोड़ पर किए, हमने क़रार बरसों
जिस मोड़ पर किए थे
तुम गुलसिताँ से आए, ज़िक्र-ए-ख़िज़ाँ ही लाए
तुम गुलसिताँ से आए, ज़िक्र-ए-ख़िज़ाँ ही लाए
हमने क़फ़स में देखी, हमने क़फ़स में देखी फ़स्ल-ए-बहार बरसों
जिस मोड़ पर किए थे, हमने क़रार बरसों
जिस मोड़ पर किए थे
होती रही है यूँ तो बरसात आँसुओं की
होती रही है यूँ तो बरसात आँसुओं की
उठते रहे हैं फिर भी दिल से ग़ुबार बरसों
जिस मोड़ पर किए थे
वो संगदिल था कोई बेगाना-ए-वफ़ा था
वो संगदिल था कोई बेगाना-ए-वफ़ा था
करते रहें हैं जिसका, करते रहें हैं जिसका हम इंतज़ार बरसों
जिस मोड़ पर किए थे, हमने क़रार बरसों
उससे लिपट के रोये, उससे लिपट के रोये दीवानावार बरसों
जिस मोड़ पर किए थे, हमने क़रार बरसों
जिस मोड़ पर किए थे