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Dhanda Nyoliwala
KOHRAM Intro
[Intro: Dhanda Nyoliwala]
बचपन अकेलेपन में गुजरा
तन्हाई ने ज़हन पे इस तरियाह डेरे डाले ज्यू किसे मजदूर के बाहरणे पे गरीबी
किसने बेरा है के मैं जिस गाँव का नाम मेरे नाम के पाछे लाये फिरू हूँ उस गाँव में मेरा बचपन एक दोस्त बनाण ने तरसया
पीठ पे बस्ता टांग के शहर के school’an के bench’an पे दोस्त तलाश करन निकलया मगर शहर की बड़ी इमारतां के गाँव के कच्चे मकाना ते उठी आंधी कद रास से
बस फेर के था इस दिल ने पत्थर बणन खातर इतने हादसे बोहत थे
College के इम्तिहान ते खेल के मैदान तक नाकामयाबी ने गाल पे इतने थपेड़े मारे है के आज तक निशान छप रे है
पीठ पे भरोसे आल्या के खंजर ते इतने वार होरे हैं के और सहण ने जगाह ही नहीं बची
कलाकार बना तो कलाकारां ने सिवाए नफरत के किसी और नज़र ते नहीं देख्या
और नफरत भी उन लोगां ते मिली जिन्होंने मेरतई कदे देखा, कदे मिले
मेरी पूरी ज़िंदगी में मैं पीछे मुड़के देखूं तो मेरा साथ सिर्फ और सिर्फ एक शय ने दिया
और वा है तन्हाई, सिर्फ तन्हाई
सेकड़ो राते आई जब मैं घर में अकेला था और हाथ में पिस्तौल
अगर मैं चाह्न्दा तो मेरे घर की दिवार पे बैठे पंछी उड़ादेनदा
चाह्न्दा तो वक़्त ते पहले ही जिस्म ने तपती लोहे की पटरियां पे फेक के चला ज्यांदा
उस माँ की उस चुनी के लटका के छोड़ जाऊं अर जिसमे गरीबी ने AK संताली की गोलियां ते भी बड़े छेद कर राख्ये थे
लेकिन नहीं
अंदाजे तो ताकता के लाग्या करे हौंसला के नहीं
और मेरे हौंसले इतने बोदे भी नहीं थे के
यो मास और खून का भरा लोथडा मैं मेरे घर के आँगन के बीचो-बीच किसे सफ़ेद चादर के निचे छोड़ जाऊं और मेरे अपने जो कदे थे ही नहीं मणे राम नाम की आड़ में शमशान तक बेमौत मरे की गालियां देंदे लेके जावें और शमशान की राख में पड़े मेरे जिस्म ने मेरी रूह आस्माना की तरफ जांदी हुई बददुआवा के वे दाग देंदी जावे के गंगा के घाट पे तिलक लगाए बैठे धोबी भी ना धो पावे
बस फेर के था चल पड़े कदम एक नई मंजिल की ओर
फेरते एक नया सवेरा, फेरते एक नई कोशिश
This message is only for my youth-
Never stop because of the failures
Success belongs to those who refuse to quit
ज़िंदगी की मंजिल मौत जरूर है, पर समस्याओं का हल मौत नहीं है
जद भी कदे हौंसले गिरदे दिखे, तो मेरी इस कहानी ने एक बार और खोलके देख लियो
और अपने आप ते कहणा है के
“म्हारेते पहला कोई आया होगा
म्हारेते बाद कोई आओ चाहे
लेकिन यो वक़्त म्हारा है और भगवान कसम चीखा कडवाके जावांगे कहन्दे-कुहांदेआ जी
याद रहवेगा इस ज़माने ने के कोए आया था और कोहराम, मचा के गया है”
[Outro: Sampled and Dhanda Nyoliwala]
I keep on telling you (woah!)
You don’t come home from that town(और कोहराम)
[Instrumental Outro]