Harshit Saxena
Maheroo Maheroo
थोड़ा-थोड़ा शोर है दिल में, थोड़ा-थोड़ा गुमसुम है
थोड़ी-थोड़ी साफ़ हैं बातें, थोड़ी-थोड़ी उलझन हैं
थोड़ा-थोड़ा शोर है दिल में, थोड़ा-थोड़ा गुमसुम है
थोड़ी-थोड़ी साफ़ हैं बातें, थोड़ी-थोड़ी उलझन हैं

माह-रू, दे सुकूँ, कर मेरी चाहत क़ुबूल
कर क़ुबूल, दे सुकूँ, माह-रू, माह-रू
माह-रू, दे सुकूँ, कर मेरी चाहत क़ुबूल
कर क़ुबूल, दे सुकूँ, माह-रू, माह-रू

तुमसे मिली तो यूँ लगा, ख़ुद से हुई हूँ मैं रू-ब-रू
मेरे प्यार की हर दास्ताँ तुझपे ख़तम, तुझसे शुरू
तुमसे मिला तो यूँ लगा, ख़ुद से हुआ हूँ मैं रू-ब-रू
मेरे प्यार की हर दास्ताँ तुझपे ख़तम, तुझसे शुरू

दिल की सर ज़मीं पे तेरा सज्दा मैं करूँ
आजा, मेरे माही, ख़ुद को तुझसे जोड़ दूँ

माह-रू, दे सुकूँ, कर मेरी चाहत क़ुबूल
कर क़ुबूल, दे सुकूँ, माह-रू, माह-रू
माह-रू, दे सुकूँ, कर मेरी चाहत क़ुबूल
कर क़ुबूल, दे सुकूँ, माह-रू, माह-रू
माह-रू, माह-रू

कैसे हुआ, ये कब हुआ, उस पल का मैं करूँ शुक्रिया
जो ना कहा लब से कभी, आँखों ने चुपके से कह दिया
हाँ, कैसे हुआ, ये कब हुआ, उस पल का मैं करूँ शुक्रिया
जो ना कहा लब से कभी, आँखों ने चुपके से कह दिया
तेरी है अमानत, दिल तुझी को सौप दूँ
एहसाँ कर दे मुझपे, तेरे बिन ना जी सकूँ

माह-रू, दे सुकूँ, कर मेरी चाहत क़ुबूल
कर क़ुबूल, दे सुकूँ, माह-रू, माह-रू
माह-रू, दे सुकूँ, कर मेरी चाहत क़ुबूल
कर क़ुबूल, दे सुकूँ, माह-रू, माह-रू