Harshit Saxena
Nani Maa
पलकें ना भिगोना, ना उदास होना
तुझको है क़सम मेरी, अब कभी ना रोना
पलकें ना भिगोना, ना उदास होना
तुझको है क़सम मेरी, अब कभी ना रोना

तूने मुस्कान दी, सबको पहचान दी
सब पे वार दी ज़िंदगी
दुख सबका लिया, दी है सबको ख़ुशी
कोई शिकवा किया ना कभी

सूरज, चंदा, ज़मीं, आसमाँ
कोई तुझसा नहीं है यहाँ

नानी माँ, नानी माँ, नानी माँ
नानी माँ, ओ, नानी माँ

पलकें ना भिगोना, ना उदास होना
तुझको है क़सम मेरी, अब कभी ना रोना

मेरी माँ भी बुलाए तुझे कह के माँ
तेरा दर्जा है रब से भी ऊँचा यहाँ
मेरी माँ भी बुलाए तुझे कह के माँ
तेरा दर्जा है रब से भी ऊँचा यहाँ

तेरे आँचल में धूप है साया
तूने ही जीना सबको सिखाया
सबपे लुटाती है जाँ
नानी माँ, नानी माँ, नानी माँ
नानी माँ, ओ, नानी माँ

चोट खाती रही, ज़ख़्म सीती रही
तू तो औरों के ख़ातिर ही जीती रही
चोट खाती रही, ज़ख़्म सीती रही
तू तो औरों के ख़ातिर ही जीती रही

तूने खुद को ना पहचाना
मोल तेरा तूने ना जाना
तेरे दम से दोनों जहाँ

नानी माँ, नानी माँ, नानी माँ
नानी माँ, ओ, नानी माँ
नानी माँ, नानी माँ

पलकें ना भिगोना, ना उदास होना
तुझको है क़सम मेरी, अब कभी ना रोना