Shankar Ehsaan Loy
Banda
ना रुकता है, ना मुड़ता है, बस चलता रहता है
ना सुनता है, ना कहता है, बस करता रहता है
बस करता रहता है

पूछेगा इतिहास कभी क्या बंदा है ये
रब का बंदा है ये, सब का बंदा है ये
रब का बंदा है ये
हो, सब का बंदा है ये

माथे पे बल पड़ जाए, तक़दीर हो जाए
बोले ज़बाँ से पत्थर की लकीर हो जाए
लकीर हो जाए

पूछेगा इतिहास कभी क्या बंदा है ये
रब का बंदा है ये, सब का बंदा है ये
रब का बंदा है ये
हो, सब का बंदा है ये

मीठा मिला कोई, कड़वा मिला
लम्हा-लम्हा वो सब जी गया
बेख़ौफ़, बेदाग़ फ़ौजी ये
जैसे वर्दी पे वतन सी गया

ओ, ढूँढेगा वक़्त इसे, ग़ज़ब का बंदा है
रब का बंदा है ये, सब का बंदा है ये
रब का बंदा है ये
हो, सब का बंदा है ये
सब का बंदा है ये, रब का बंदा है ये
बंदा, बंदा, सब का बंदा, रब का बंदा है ये
बंदा, बंदा, सब का बंदा, सब का बंदा है ये