Shilpa Rao
Manmarziyan

[Verse 1]
यूँ तो सोलह सावन आये गये
गौर नहीं किया हमने
भीगा मन का आँगन इस मर्तबा
क्या जाने क्या किया तुमने

[Verse 2]
दिल में जागी, इश्क वाली
मनमर्ज़ियाँ, मनमर्ज़ियाँ
ज़िद्द की मारी, भोली भाली
मनमर्ज़ियाँ, मनमर्ज़ियाँ

[Verse 3]
अब तलक से, कुछ अलग सी
मनमर्ज़ियाँ, मनमर्ज़ियाँ
हम ज़मीन पे, तो फलक से
मनमर्ज़ियाँ, मनमर्ज़ियाँ

[Verse 4]
सिक्कों जैसे, है उछाली
मनमर्ज़ियाँ, मनमर्ज़ियाँ
ज़िद्द की मारी, भोली भाली
मनमर्ज़ियाँ, मनमर्ज़ियाँ

[Verse 5]
बे-अदब सी, पर गज़ब सी
मनमर्ज़ियाँ, मनमर्ज़ियाँ
होश खोया, पर संभाली
मनमर्ज़ियाँ, मनमर्ज़ियाँ