[Intro]
क्षण भी है तू, तू ही समय भी है
सृष्टि भी तू, तू ही प्रलय भी है
स्वयं ही तू अग्नि है
[Chorus]
नमोः देवाय महेश्वरः
अग्निः ज्वालम् जटाधरः
ब्रह्म तेजः नायकम्
शिवः शिवम् नमोनमः
नमोः देवाय महेश्वरः
अग्निः ज्वालम् प्रभाकरः
प्रचण्ड कः उचास्मिता
शिवः शिवम् नमोनमः।
[Verse 1]
हो, धौंकनी सी तेरी साँसें चलती है
तेरा तपता कपाल
है लावा जैसा धमनियों के रक्त में उबाल
पिघलाए हुए लोहे से ये तेरी पसलियाँ हैं बनी
खोल दे भुजाएँ तो धड़क उठे मशाल
[Pre-Chorus]
आदि नहीं तेरा ना कोई अंत है
अजर तू अजात है जयंत है
स्वयं ही तू अग्नि है
[Chorus]
नमोः देवाय महेश्वरः
अग्निः ज्वालम् जटाधरः
ब्रह्म तेजः नायकम्
शिवः शिवम् नमोनमः
नमोः देवाय महेश्वरः
अग्निः ज्वालम् प्रभाकरः
प्रचण्ड कः उचास्मिता
शिवः शिवम् नमोनमः।
[Instrumental-break]
[Outo]
आज अग्नि उजागर हो
प्रज्वलित इक दिवाकर हो
सदा हो रौशनी की जय
परास्त अंधकार हो