ना तो कारवां की तलाश है, ना तो कारवां की तलाश है
ना तो हमसफ़र की तलाश है, ना तो कारवां
आ, ना तो कारवां, कारवां की तलाश है
ना तो, ना तो, ना तो कारवां की
आ-आ, ना तो कारवां की
आ, हो ना तो कारवां की
ना तो कारवां की तलाश है, ना तो हमसफ़र की तलाश है
अब ना तो हमसफ़र की तलाश है, अब ना हमसफ़र की
हे-हे-हे-हे, ना तो हमसफ़र की, आ, ना तो हमसफ़र
आ, ना तो हमसफ़र की तलाश है
मेरे शौक़-ऐ-खाना ख़राब को, मेरे शौक़-ऐ-खाना ख़राब को
तेरी रहगुज़र की तलाश है
मेरे शौक़-ऐ-खाना ख़राब को, तेरी रहगुज़र की तलाश है
मेरे शौक़-ऐ-खाना ख़राब को
मेरे नामुराद जनून का है इलाज कोई तो मौत है
अब है इलाज कोई तो मौत है, इलाज कोई, आ...
है इलाज कोई तो मौत है
जो दवा के नाम पे ज़हर दे, जो दवा के नाम पे ज़हर दे
उसी चारागर की तलाश है, जो दवा के नाम पे ज़हर दे
दवा के नाम पे, जो, जो, जो दवा के नाम पे ज़हर दे
उसी चारागर की तलाश है, उसी चारागर की तलाश है
उसी चारागर की तलाश है, उसी चारागर की
हाँ, तेरा इश्क़ है मेरी आरजू, तेरा इश्क़ है मेरी आबरू
ओ, तेरा इश्क़ है मेरी आबरु, तेरा इश्क़ है मेरी आबरू
दिल इश्क़ जिस्म इश्क़ है और जान इश्क़ है
ईमान की जो पूछो तो ईमान इश्क़ है
हो, तेरा इश्क़ है मेरी आबरु
तेरा इश्क़ मैं कैसे छोड़ दूँ, तेरा इश्क़ मैं कैसे छोड़ दूँ
मेरी उम्र भर की तलाश है, तेरा इश्क़ मैं कैसे, इश्क़-इश्क़
तेरा इश्क़ मैं कैसे, इश्क़-इश्क़, इश्क़-इश्क़, इश्क़-इश्क़
ये इश्क़-इश्क़ है इश्क़-इश्क़, ये इश्क़-इश्क़ है इश्क़-इश्क़
ये इश्क़-इश्क़ है इश्क़
जाँ सोज़ की हालत को, जाँ सोज़ की हालत को जाँ सोज़ ही समझेगा
मैं शमा से कहता हूँ, महफ़िल से नहीं कहता, क्योंकि
ये इश्क़-इश्क़ है इश्क़-इश्क़, ये इश्क़-इश्क़ है इश्क़
शहर तक सबका है अंजाम जल कर ख़ाक हो जाना
शहर तक सबका है अंजाम जल कर ख़ाक हो जाना
भरी महफ़िल में कोई शमा या परवाना हो जाए, क्योंकि
ये इश्क़-इश्क़ है इश्क़-इश्क़, ये इश्क़-इश्क़ है इश्क़-इश्क़
ये इश्क़-इश्क़ है इश्क़
वहशत-ऐ-दिल रस्म-ओ-दीदार से रोकी ना गई
किसी खंजर, किसी तलवार से रोकी ना गई
इश्क़ मजनू की वो आवाज़ है, जिसके आगे
कोई लैला किसी दीवार से रोकी ना गई, क्योंकि
ये इश्क़-इश्क़ है इश्क़-इश्क़, ये इश्क़-इश्क़ है इश्क़-इश्क़
ये इश्क़-इश्क़ है इश्क़
वो हँस के अगर मांगे तो हम जान भी दे दें
वो हँस के अगर मांगे तो हम जान भी दे दें
हाँ, ये जान तो क्या चीज़ है ईमान भी दे दें, क्योंकि
ये इश्क़-इश्क़ है इश्क़-इश्क़, ये इश्क़-इश्क़ है इश्क़-इश्क़
ये इश्क़-इश्क़ है इश्क़
नाज़-ओ-अंदाज़ से कहते हैं की जीना होगा
ज़हर भी देते हैं तो कहते हैं की पीना होगा
नाज़-ओ-अंदाज़ से कहते हैं की जीना होगा
ज़हर भी देते हैं तो कहते हैं की पीना होगा
जब मैं पीता हूँ तो कहते हैं की मरता भी नहीं
जब मैं मरता हूँ तो कहते हैं की जीना होगा
ये इश्क़-इश्क़ है इश्क़-इश्क़, ये इश्क़-इश्क़ है इश्क़-इश्क़
ये इश्क़-इश्क़ है इश्क़
मज़हब-ए-इश्क़ की हर रस्म कड़ी होती है
हाँ, हर कदम पर कोई दीवार खड़ी होती है
इश्क़ आजाद है, इश्क़ आजाद है, हिंदू ना मुसलमान है इश्क़
आप ही धर्म है और आप ही ईमान है इश्क़
जिससे आगाह नहीं शेख-ओ-बरहामन दोनों
उस हकीकत का गरजता हुआ ऐलान है इश्क़
ਇਸ਼ਕ ਨਾ ਪੁੱਛੇ, ਓਏ ਇਸ਼ਕ ਨਾ ਪੁਛੇ, ਦੀਨ ਧਰਮ ਨੁ ਇਸ਼ਕ ਨਾ ਪੁੱਛੇ ਜਾਤਾਂ
ਇਸ਼ਕ ਦੇ ਹੱਥਾਂ, ਗਰਮ ਲਹੂ ਵਿਚ ਡੂਬੀਆਂ ਲੱਖ ਬਰਾਤਾਂ, ਇਸ਼ਕ
ये इश्क़-इश्क़ है, इश्क़-इश्क़, ये इश्क़-इश्क़ है, इश्क़-इश्क़
ये इश्क़-इश्क़ है, इश्क़
राह उलफ़त की कठिन है, इसे आसान ना समझ, क्योंकि
ये इश्क़-इश्क़ है इश्क़-इश्क़, ये इश्क़-इश्क़ है इश्क़
बहुत कठिन है
बहुत कठिन है डगर पनघट की, बहुत कठिन है डगर पनघट की
डगर पनघट की, डगर पनघट की, डगर पनघट की, डगर पनघट की
बहुत कठिन है, डगर पनघट की
अब, क्या भर लाऊँ मैं जमुना से मटकी?
क्या भर लाऊँ मैं जमुना से मटकी?
अब, क्या भर लाऊँ मैं जमुना से मटकी?
क्या भर लाऊँ मैं जमुना से मटकी?
मैं जो चली जल जमुना भरन को
देखो सखी जी मैं जो चली जल जमुना भरन
नंद को छोर मोहे रोके झाडों तो
क्या भर लाऊँ में जमुना से मटकी?
क्या भर लाऊँ मैं जमुना से मटकी?
हाँ, क्या भर लाऊँ मैं जमुना से मटकी?
अब लाज राखो मोरे घूँघट पट की, लाज राखो मोरे घूँघट पट की
अब लाज राखो मोरे घूँघट पट की
आ, लाज राखो मोरे घूँघट पट की, लाज राखो मोरे घूँघट पट की
लाज राख राखो-राखो, लाज राख राखो-राखो, लाज राख राखो
जब-जब कृष्ण की बंसी बाजी, हो, जब-जब कृष्ण की बंसी बाजी
निकली राधा सज के
जान अजान का ध्यान भुला के, लोक लाज को तज के
हाय, बन-बन डोली, जनक दुलारी पहन के प्रेम की माला
दर्शन जल की प्यासी मीरा, पी गई विष का प्याला
और फिर अरज करी के
लाज राखो, राखो-राखो, लाज राखो देखो-देखो
लाज राखो-राखो, हे-हे-हे लाज राखो-राखो
हे-हे-हे, लाज राखो-राखो
ये इश्क़-इश्क़ है इश्क़-इश्क़, ये इश्क़-इश्क़ है इश्क़-इश्क़
ये इश्क़-इश्क़ है, इश्क़
अल्लाह रसूल का फ़रमान इश्क़ है
यानी हफ़िज़ इश्क़ है, कुरान इश्क़ है
गौतम का और मसीह का अरमान इश्क़ है
ये कायनात जिस्म है और जान इश्क़ है
इश्क़ सरमद, इश्क़ ही मंसूर है
इश्क़ मूसा, इश्क़ कोहिनूर है
खाक को बुत और बुत को देवता करता है इश्क़
इम्तहाँ ये है के बन्दे को खुदा करता है इश्क़
हाँ, इश्क़-इश्क़, तेरा इश्क़-इश्क़
हाँ, इश्क़-इश्क़, तेरा इश्क़-इश्क़
तेरा इश्क़-इश्क़, इश्क़-इश्क़
तेरा इश्क़-इश्क़, इश्क़-इश्क़
तेरा इश्क़-इश्क़, इश्क़-इश्क़
इश्क़-इश्क़, इश्क़-इश्क़, इश्क़-इश्क़, इश्क़-इश्क़