[Verse 1]
ये क्या हुआ ये क्यूँ हुआ
जो भी हुआ अच्छा हुआ
हमने रेत पे यूँही फेरी थी उँगलियाँ
क्या करूँ इत्तेफाक से तेरा नाम बन गया
हमने रेत पे
तू मेरा पहला-पहला प्यार बन गया
हमने रेत पे
[Verse 2]
लब पे रुकी जो, तू वो बात है
दिल भी भिगा दे, तू वो बरसात है
लब पे रुकी जो...
नशा जिसका, नहीं उतरे
तू मेरे लिए वो जाम बन गया
आफताब मेहताब सा अब लगने लगा तू
तू ही सुबह मेरी और शाम बन गया
[Chorus]
हमने रेत पे
[Verse 3]
मोहब्बत से ज़्यादा, मोहब्बत है सनम
दूर कभी जाके, नहीं करना सितम
मोहब्बत से ज़्यादा
तू ही दुआ, तू ही दवा
तेरी बंदगी में दिल गुलाम बन गया
हमने तो यूँही गुनगुनाया था तुझे
तू तो शायराना कलाम बन गया
[Chorus]
हमने रेत पे