Farhan Akhtar
Phir Dekhiye
आँखों में जिसके कोई तो ख्वाब है
खुश है वही जो थोडा बेताब है
ज़िन्दगी में कोई आरजू कीजिये
फिर देखिये

होठों पे जिसके कोई तो गीत है
वोह हारे भी तो उसकी ही जीत है
दिल में जो गीत है गुन गुना लीजिये
फिर देखिये

यादों में जिसके किसी का नाम है
सपनो के जैसे उसकी हर शाम है
कोई तो हो जिसे अपना दिल दीजिये
फिर देखिये

ख्वाब बुन ये ज़रा
गीत सुन ये ज़रा
फूल चुन ये ज़रा
फिर देखिये