सुन साहिबा, सुन प्यार की धुन
सुन साहिबा, सुन प्यार की धुन
हो, मैंने तुझे चुन लिया, तू भी मुझे चुन, चुन, चुन
सुन, सुन साहिबा, सुन प्यार की धुन
हो, मैंने तुझे चुन लिया, तू भी मुझे चुन
सुन साहिबा, सुन प्यार की धुन
कोई हसीना कदम पहले बढ़ाती नहीं
मजबूर दिल से ना हो, तो पास आती नहीं
हो-हो, मजबूर दिल से ना हो, तो पास आती नहीं
ख़ुशी मेरे दिल को हद से ज़्यादा है
तेरे संग ज़िन्दगी बिताने का इरादा है
हो, प्रीत के ये धागे तू भी संग मेरे बुन
सुन साहिबा सुन, सुन, सुन, सुन प्यार की धुन
हो, मैंने तुझे चुन लिया, तू भी मुझे चुन, चुन, चुन
सुन, सुन साहिबा, सुन प्यार की धुन
तू जो "हाँ" कहे तो बन जाए बात भी
हो तेरा इशारा तो चल दूँ मैं साथ भी
हो तेरा इशारा तो चल दूँ मैं साथ भी
तेरे लिए साहिबा नाचूँगी, मैं गाऊँगी
दिल में बसा ले तेरा घर भी बसाऊँगी
हो, डाल दे निग़ाह, कर दे प्यार का शगुन
सुन साहिबा, सुन प्यार की धुन
मेरा ही खून-ए-जिगर देगा गवाही मेरी
तेरे ही हाथों लिखी शायद तबाही मेरी
हो, तेरे ही हाथों लिखी शायद तबाही मेरी
दिल तुझपे वारा है, जान तुझपे वारूँगी
आए के ना आए तेरा रस्ता निहारूँगी
हो, कर ले क़बूल मुझे होगा बड़ा पुन
सुन साहिबा, सुन, सुन, सुन, सुन प्यार की धुन
हो, मैंने तुझे चुन लिया, तू भी मुझे चुन, चुन, चुन
सुन, सुन साहिबा, सुन प्यार की धुन
ओ साहिबा, साहिबा
ओ साहिबा, साहिबा
हो, मैंने तुझे चुन लिया, तू भी मुझे चुन
सुन साहिबा, सुन...