Lata Mangeshkar
So Gaye Hain
सो गए हैं, खो गए हैं
दिल के अफ़साने
सो गए हैं, खो गए हैं
दिल के अफ़साने
कोई तो आता, फिर से कभी
इनको जगाने
कोई तो आता, फिर से कभी
इनको जगाने
सो गए हैं, खो गए हैं
दिल के अफ़साने
सो गए हैं, खो गए हैं
दिल के अफ़साने
सांस भी लेती हैं जो कठपुतलियाँ
उनकी भी थामे है कोई डोरियाँ
आँसुओं में भीगी है खामोशियाँ
सो गए हैं, खो गए हैं
दिल के अफ़साने
सो गए हैं, खो गए हैं
दिल के अफ़साने
दिल में इक परछाई है, लहराई सी
आरज़ू मेरी है इक अंगड़ाई सी
इक तमन्ना है कहीं शरमाई सी
सो गए हैं, खो गए हैं
दिल के अफ़साने...
सो गए हैं, खो गए हैं
दिल के अफ़साने...